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Showing posts with the label Gazals

A list of famous "GHAZALS" of Ghalib

Who was Mirza Ghalib? Mirza Ghalib also known as 'Asad' was born in 1797 and died in 1869. During this course of time, Ghalib wrote in many Genre of poetry like: Ghazals, Marsiya, and Qasida and many others also. He is famous for his Ghazals on Love. It is believed that the original pen name of Mirza Ghalib was "Asad" due to the name "Mirza Asadullah Baig Khan" but as he started writing more and more poems he embraced the pen name "Ghalib".  Some Famous Ghazals of Mirza Ghalib:  दिल-ए -नादाँ तुझे हुआ क्या है  रुख़-ए-निगर से है सोज़-ए-जाविदानी-ए-शमा  गुलशन को तेरी सोहबत-अज़-बस की खुश आई  है  हम में भी तमाशाई-ए-नैरंग-ए-तमन्ना  ज़माना सख़्त कम  अज़र है बेज़ान-ए-असद  तपिश से मेरी वक़्फ़-ए-कश्मक़श हर तर-ए-बिस्तर है गुलशन में बंदोबस्त बा-रंग-ए-डिगर  है आज़  शब् की बर्क-ए-शोज़-ए-दिल से ज़हर-ए-अब्र आब था याद है शादी में भी हंगामा-ए-या-रब  मुझे  सुरमा-ए-मुफ्त-ए-नज़र हूँ मेरी क़ीमत ये है  ओहदे  मध-ए-नज़ के बहार न आ सका  हुस्न-ए-बेपरव...

Kya Bane Baat-Full Gazal By Mirza Galib

Get the "Nukta Cheen Hai Gham-E-Dil Full Gazal Lyrics": क्या बने बात - मिर्ज़ा ग़ालिब ग़ज़ल  नुक़्ताचीन है, ग़म-ऐ-दिल उसको सुनाये न बने क्या बने बात, जहाँ बात बनाये ना बने मै बुलाता तो हूँ उस को, मगर ऐ-जज़्बा-ऐ-दिल उस पे बन जाये ऐसी, के बिन आये न बने खेल समझा है, कहीं छोड़ दे, भूल न जाये काश! यूँ भी हो के बिन मेरे सताए बने ग़ैर फिरता है यूँ तेरे ख़त को कह अगर कोई पूछे कि ये क्या है, तो छुपाये ना बने इस नजाकत का बुरा हो, वो भले हैं, तो क्या  हाथ आएं, तो उन्हें हाथ लगाए बने कह सकेगा कौन, ये जलवा गारी किस की  पर्दा छोड़ा है उसने के उठाये न बने मौत की रह न देखूं ? के बिन आये न रहे तुम को चाहूँ ? कि न आओ, तो बुलाये न बने इश्क़ पर जोर नहीं, है ये वो आतिश ग़ालिब के लगाए न लगे, और बुझाये न बने - मिर्ज़ा ग़ालिब   Links You May Like: Two Line Shayari: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Rahat Indori:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Rahat%20Indori Quotes:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search...

Is Kadar Pyar Ki Baarish Ho-Full Gazal By Rahat Indori

इस कदर प्यार की  बारिश हो कि  जल-थल हो जाऊ:- इस कदर प्यार की बारिश हो कि जल-थल हो जाऊ तुम घटा बनके चली आओ मै बदल हो जाऊं घर में बैठा हूँ, चमकते हुए सोने की तरह मैं जो सर्राफे में आ जाऊ तो पीतल हो जाऊँ ढूंढ़ते-ढूंढ़ते एक उम्र गुज़ारी जिसको वो अगर सामने आ जाये तो पागल हो जाऊ मुन्तज़िर चाक पे है मेरी अधूरी मिट्टी तुम जरा हाथ लगा दो तो मुकम्मल हो जाऊ मेरे सन्नाटो ने आबाद रखा मुझको मैं तेरे शहर में आ जाऊँ तो जंगल हो जाऊं - राहत इंदौरी  Links You May Like: Two Line Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari More From Rahat Indori:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Rahat%20Indori Mirza Gaalib:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Mirza%20Galib

कैसी चली अब के हवा तेरे शहर में - Gulam Ali Gazal

कैसी चली अब के हवा तेरे शहर में :- कैसी चली अब के हवा तेरे शहर में  बन्दे भी हो गए हैं ख़ुदा तेरे शहर में  क्या जाने क्या हुआ परेशा हो गए  इक लहजा रुक गयी थी सबा तेरे शहर में  कुछ दुश्मनी का ढब है, न अब दोस्ती के तौर  दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में  शायद उन्हें पता था की खातिर है अज़नबी  लोगों ने उसे लूट लिया तेरे शहर में |  - गुलाम अली  More Links: Rahat Indori:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Rahat%20Indori Mirza Galib:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Mirza%20Galib Two Line Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari

Ab Aaye Ya Na Aaye Idhar Puchte Chalo-Sahir Ludhiyanvi Full Gazal

अब आए या न आए इधर पूछते चलो:- अब आए या न आए इधर पूछते चलो क्या चाहती है उनकी नज़र पूछते चलो हम से अगर है तर्क-ए-ताल्लुक़ तो क्या हुआ यारो ! कोई तो उनकी ख़बर पूछते चलो जो ख़ुद को कह रहे हैं कि मंज़िल शनास हैं उनको भी क्या ख़बर है मगर पूछते चलो किस मंज़िल-ए-मुराद की जानिब रवाँ हैं हम ऐ रहरवान-ए-ख़ाक बसर पूछते चलो - साहिर लुधियानवी  More Links: Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/sayari Two Line Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Hindi Poetry: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Hindi%20Poetry

Dukh Dekar Sawal Karte Ho - Mirza Galib (Full Gazal - Hindi Text)

दुःख देकर सवाल करते हो :- दुःख देकर सवाल करते हो  तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो  देख कर पूछ लिया हाल मेरा  चलो कुछ तो ख्याल करते हो  शहर-ए-दिल में  उदासियाँ  कैसी  यह भी मुझसे सवाल  करते हो  मरना चाहे तो मर नहीं सकते  तुम भी जीना मुहाल करते हो  अब किस किस की मिसाल दू मैं तुमको  हर सितम बे-मिसाल करते हो    -मिर्ज़ा ग़ालिब  Links You May Like: Hindi Poetry:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Hindi%20Poetry Rahat Indori:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Rahat%20Indori Gazals:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Gazals Two Line Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/sayari

तकदीर बता तू ने मुझको - Heart Broken Sayari (Taqdeer Sayari)

तकदीर... बता तू ने मुझको, किस मोड़ पर लाके छोड़ दिया, एक मोड़ तलक तो साथ दिया, एक मोड़ पर ला के छोड़ दिया, खुद प्यार किया खुद ठुकराया, फिर प्यार भरा दिल तोड़ दिया, उस मोड़ तलक तो साथ दिया, इस मोड़ पर ला के छोड़ दिया। More Links : Hindi Poetry: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Hindi%20Poetry Two Liners: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Sayari: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/sayari

Ranjish hi sahi dil ko dukhane ke liye aa - Ahmad Faraz (Full Gazal) (Heart Broken Gazal )

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ :- रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ  आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ  कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रख  तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ  पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो  रस्म-ओ-रह-ए-दुनिया ही निभाने के लिए आ  किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम  तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए - अहमद फ़राज़   More Links: Mirza Galib Gazals:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Mirza%20Galib Two Line Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Rahat Indori:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Rahat%20Indori Sayari:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search?q=sayari Quotes:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search?q=Quotes

Yu hi be-sabab na fira karo - Bashir Badr (full gazal)

यूंही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो  वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो  कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से  ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो  अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा  तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो  मुझे इश्तिहार सी लगती हैं ये मोहब्बतों की कहानियां  जो कहा नहीं वो सुना करो जो सुना नहीं वो कहा करो  कभी हुस्न-ए-पर्दा-नशीं भी हो ज़रा आशिक़ाना लिबास में  जो मैं बन संवर के कहीं चलूं मिरे साथ तुम भी चला करो  नहीं बे-हिजाब वो चांद सा कि नज़र का कोई असर न हो  उसे इतनी गर्मी-ए-शौक़ से बड़ी देर तक न तका करो  ये ख़िज़ां की ज़र्द सी शाल में जो उदास पेड़ के पास है  ये तुम्हारे घर की बहार है उसे आंसुओं से हरा करो  - बशीर बद्र  Two Line Sayari : https://themotivationaladda.blogspot.com/2019/12/two-line-sayari-akbar-ilahabaadi.html Heart Broken Sayari : https://themot...

Sula Chuki Thi Duniya - Rahat Indori (Gazal)

सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे बहुत सी नज़रें हमारी तरफ हैं महफ़िल में इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे मैं देर रात गए जब भी घर पहुँचता हूँ वो देखती है बहुत छान के फटक के मुझे -राहत इंदौरी   Two Line Sayari : https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Two%20line%20Sayari Heart Broken Sayari : https://themotivationaladda.blogspot.com/2019/12/broken-heart-shayari.html Rahat Indori : https://themotivationaladda.blogspot.com/2019/12/rahat-indori-sayari.html Rahat Indori Gazals:  https://themotivationaladda.blogspot.com/search?q=rahat+indori+gazals Gazals : https://themotivationaladda.blogspot.com/search...

Ishq me jeet aane ke liye kaafi hu -Rahat Indori (Full Gazal)

इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ:- 🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻 इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ मैं अकेला ही ज़माने के लिये काफी हूँ हर हकीकत को मेरी ख्वाब समझने वाले मैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफी हूँ ये अलग बात के अब सुख चुका हूँ फिर भी धूप की प्यास बुझाने के लिये काफी हूँ बस किसी तरह मेरी नींद का ये जाल कटे जाग जाऊँ तो जगाने के लिये काफी हूँ जाने किस भूल भुलैय्या में हूँ खुद भी लेकिन मैं तुझे राह पे लाने के लिये काफी हूँ डर यही है के मुझे नींद ना आ जाये कहीं मैं तेरे ख्वाब सजाने के लिये काफी हूँ ज़िंदगी…. ढूंडती फिरती है सहारा किसका ? मैं तेरा बोझ उठाने के लिये काफी हूँ मेरे दामन में हैं सौ चाक मगर ए दुनिया मैं तेरे एब छुपाने के लिये काफी हूँ एक अखबार हूँ औकात ही क्या मेरी मगर शहर में आग लगाने के लिये काफी हूँ मेरे बच्चो…. मुझे दिल खोल के तुम खर्च करो मैं अकेला ही कमाने के लिये काफी हूँ..                                     - राहत इंदौरी  ...

Apne Hone Ka Ham Is Tarah Pata Dete The - Rahat Indori

अपने होने का हम इस तरह पता देते थे खाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे बेसमर जान के हम काट चुके हैं जिनको याद आते हैं के बेचारे हवा देते थे उसकी महफ़िल में वही सच था वो जो कुछ भी कहे हम भी गूंगों की तरह हाथ उठा देते थे अब मेरे हाल पे शर्मिंदा हुये हैं वो बुजुर्ग जो मुझे फूलने-फलने की दुआ देते थे अब से पहले के जो क़ातिल थे बहुत अच्छे थे कत्ल से पहले वो पानी तो पिला देते थे वो हमें कोसता रहता था जमाने भर में और हम अपना कोई शेर सुना देते थे घर की तामीर में हम बरसों रहे हैं पागल रोज दीवार उठाते थे, गिरा देते थे हम भी अब झूठ की पेशानी को बोसा देंगे तुम भी सच बोलने वालों के सज़ा देते थे...                                         - राहत इंदौरी  For More GAZALS visit : https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Gazals

न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता -मिर्ज़ा ग़ालिब

न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता डुबोया मुझ को होने ने, न होता मैं तो क्या होता हुआ जब ग़म से यूँ बेहिस, तो ग़म क्या सर के कटने का न होता गर जुदा तन से, तो ज़ानों पर धरा होता हुई मुद्दत के ग़ालिब मर गया, पर याद आता है वह हर एक बात पर कहना, कि यूँ होता, तो क्या होता... -मिर्ज़ा ग़ालिब 

Bas Ke Dushwar Hai Har Kaam Ka Aasaan Hona -Mirza Galib (Gazal)

Bas Ke Dushwar Hai Har Kaam Ka Aasaan Hona Aadmi Ko Bhi Mayassar Nahi Insaan Hona Giryaa Chahe Hai Kharabi Mere Kashaane Ki Dar-O-Deewar Se Tapke Hai Bayabaan Hona Waye Deewangi-E-Shauq Ke Har Dum Mujh Ko Aap Jana Udhar Aur Aap Hi Hairaan Hona Ishrat-E-Qatal Ke Ahl-E-Tamanna Mat Pooch Eid-E-Nazara Hai Shamsheer Ka Uriyaan Hona Le Gaye Khaak Mai Hum Daag-E-Tamanna Aey Nishat Tu Ho Aur Aap Ba’sad Rang-E-Gulistaan Hona Ki Mere Qatal Ke Baad Us Ne Jafa Se Toba Haye Is Zood Pashaiman Ka Pashaiman Hona Haif Is Chaara’gar Kapre Ki Qismat Ghalib! Jis Ki Qismat Mai Ho Aashiq Ka Girebaan Hona....                                                - Mirza Galib

Ye Zindagi Sawaal Thi Jawab Mangne Lage - Rahat Indori

ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे फरिश्ते आ के ख़्वाब मेँ हिसाब माँगने लगे इधर किया करम किसी पे और इधर जता दिया नमाज़ पढ़के आए और शराब माँगने लगे सुख़नवरों ने ख़ुद बना दिया सुख़न को एक मज़ाक ज़रा-सी दाद क्या मिली ख़िताब माँगने लगे दिखाई जाने क्या दिया है जुगनुओं को ख़्वाब मेँ खुली है जबसे आँख आफताब माँगने लगे                              - राहत इंदौरी