इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ:-
🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻
इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ
मैं अकेला ही ज़माने के लिये काफी हूँ
हर हकीकत को मेरी ख्वाब समझने वाले
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफी हूँ
ये अलग बात के अब सुख चुका हूँ फिर भी
धूप की प्यास बुझाने के लिये काफी हूँ
बस किसी तरह मेरी नींद का ये जाल कटे
जाग जाऊँ तो जगाने के लिये काफी हूँ
जाने किस भूल भुलैय्या में हूँ खुद भी लेकिन
मैं तुझे राह पे लाने के लिये काफी हूँ
डर यही है के मुझे नींद ना आ जाये कहीं
मैं तेरे ख्वाब सजाने के लिये काफी हूँ
ज़िंदगी…. ढूंडती फिरती है सहारा किसका ?
मैं तेरा बोझ उठाने के लिये काफी हूँ
मेरे दामन में हैं सौ चाक मगर ए दुनिया
मैं तेरे एब छुपाने के लिये काफी हूँ
एक अखबार हूँ औकात ही क्या मेरी मगर
शहर में आग लगाने के लिये काफी हूँ
मेरे बच्चो…. मुझे दिल खोल के तुम खर्च करो
मैं अकेला ही कमाने के लिये काफी हूँ..
- राहत इंदौरी
Links You May Like:
For More Gazals Visit: https://themotivationaladda.blogspot.com/search/label/Gazals
Kya Bane Baat by Mirza Galib: https://themotivationaladda.blogspot.com/2021/06/kya-bane-baat-full-gazal-by-mirza-galib.html
online Indian gifts
ReplyDeleteonline Indian cakes
best gifts birthday in India
best online rakhi to India
online Indian gifts
ReplyDeleteonline Indian cakes
best gifts birthday in India
best online rakhi to India
best gifts for birthday online to India
order gifts online
order cakes online India
order birthday gifts online